आप सबनै शनीचर की राम राम. इस शनीचरी पहेली न.३ मे आपका स्वागत है . नीचै ध्यान तैं देख कै जवाब देणा है बिल्कुल ही आसान पहेली है . यह प्रसिद्ध जगह कहां पर है. तो जरा सा दिमाग पर जोर डालिये. और पहेली जीत कर अपनी मेरिट को उपर कर लिजिये.
यह कौन सी प्रसिद्ध जगह है.
आप विषय से संबंधित जितनी सही जानकारी देंगे वो सभी के ज्ञानवर्धन के लिये ज्यादा अच्छा रहेगा . और आपकी टिपणी भी प्रकाशित की जायेगी .
इसका जवाब कल सुबह की बजाय आपके जागने से पहले आपको परसों सोमवार को मिल जायेगा . यानि ठीक ४८ घन्टे बाद. क्योंकि कुछ मित्रों की राय है कि रविवार अवकाश की वजह से वो रिजल्ट देख नही पाते हैं.
और रविवार को व्यवस्थित रिजल्ट तैयार करने मे हमको भी थोडी सी असुविधा महसूस हो रही है. फ़िर जैसी आप लोगो की राय आती जायेगी वैसा ही समय तय कर लेंगे.
तो फ़िर फ़टाफ़ट जवाब दिजिये . ये है सबसे आसान पहेली हम चाहते हैं कि सभी जवाब देने वालों का नाम विजेताओ मे शामिल हो .
यह शनीचरी पहेली हर शनीवार सुबह प्रकाशित होगी और सोमवार को सुबह सुबह जवाब दे दिये जायेंगे. तो है ना छुट्टी के दिनो का भरपूर मजा घर बैठे.
इस ब्लाग के दाहिंने तरफ़ आप आपकी मेरिट की स्थिति देख सकते हैं. सोमवार को इस अंक के रिजल्ट के साथ ही यह अपग्रेड कर दी जायेगी.
पहेली के नियम कायदे पहेली न.१ के रिजल्ट के साथ साथ बता दिये गये थे. जो यहां चटका लगा कर भी देखे जा सकते हैं.
आपके सुझावो का हमेशा ही स्वागत है.
एक विशेष सूचना हम अवश्य देना चाहेंगे कि आप चाहे जितनी देर से आयें आपको अगर सही जवाब मालूम है तो जवाब अवश्य देवें . यहां पर आपको हर सही जवाब के साथ मार्क्स दिये जाते हैं जो इकठ्ठे होकर कभी भी भविष्य मे आपको बहुत काम आयेंगे.
आपने अगर जवाब दे दिया हो तो आप इन्तजार करें. हो सकता है आप का जवाब जान बुझकर रोका गया हो.
हम पहले ही बता देते हैं कि निरणायक गण आपको भ्रम मे डालने के लिये और पहेली की मनोरंजकता बढाने के लिये पहले जो टिपणियां प्रकाशित करते हैं वो गलत भी हो सकती हैं और सही भी. दोनो ही बाते हैं. अत: अपने विवेक से उत्तर देवें.
इब खूंटे पै पढो :- बस म्ह घणी भीड हो रही थी और उसमे कालेज जारहे लडके लडकियां भी थे. ताऊ भी किसी तरह चढ लिया उस बस म्ह. और जाकै कह्डा हो गया. अब जैसे ही ड्राईवर ने जोर से ब्रेक मारा. ताऊ का हाथ उसकै आगे खडी मैडम जी को लग गया. इब वो मैडम तो ताऊ को अन्ग्रेजी म्ह घणी सुथरी सुथरी गाली बकण लाग गी...के बेरा...न्यु बोले जा थी..ईडीयट.... स्टूपिड.. इब ताऊ के अंगरेजी की गालियां तो कुछ समझ म्ह नही आई. पर मैडम जी के हावभाव देख कै समझ गया कि ये गालियां का परसाद देण लाग री सै. इब ताऊ किम्मै छोह म्ह आकै बोल्या - ऐसी घणी राजकुमारी सै तो आगै नै खिसक ज्या. इब वो मैडम जी तो घणी नाराज हो गई. और बोली तुमको तो बोलने की भी तमीज नही है. इब ताऊ बोल्या - इब किम्मै गल्त कह दिया तो तू बतला दे कि के कहणा चाहिये था. मैडम ने ताऊ को समझाते हुये कहा - तुम यो नही कह सकते थे कि जीजी ( बहन) जरा आगे खिसक जाइये. अब थोडी देर मे फ़िर ब्रेक लगते ही धक्का लगा तो ताऊ बोला - जीजी, माडी सी ( थोडी सी ) आगै नै खिसक ले ! और वहीं पर खडे बस कंडक्टर से भी बोल्या- अरे ओ जीजा तैं भी माडा सा ( थोडा सा) आगै नै खिसक ले. |
अजन्ता और एलोरा की गुफाओं का भीतरी दृश्य है |
ReplyDeleteताऊ तुम्हे नववर्ष की बधाई , ये तो महाराष्ट्र की अजंता और एलोरा का ही चित्र है |
ReplyDeleteताऊ जी यह अजंता की बौद्ध गुफा है . ये गुफाएं औरंगाबाद - जलगावँ रोड के उत्तर में स्थित विश्व धरोहर हैं .
ReplyDeleteआदरणीय ताऊ जी नव वर्ष की मंगल कामना,ये चित्र ,मेरे ख्याल से राजस्थान मैं माउन्ट आबू स्थित प्रसिद्ध देलावाडा के जैन मन्दिर का एक हिस्सा है ,ये मन्दिर अपनी स्थापत्य और कारीगरी का बेजोड़ नमूना है,इस मन्दिर की एक और अनुक्रती यहाँ मोजूद है जिसे ज्यों का त्यों बनाया गया है जिसे देवरानी-जेठानी का गोठा कहा जाता है यहाँ पहुचने के लिए उदयपुर होकर भी जाया जा सकता है ..यहाँ प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविधालय का हेड आफिस भी है,और भी देखने योग्य शिल्प....
ReplyDeleteएलोरा का बोद्ध मन्दिर..
ReplyDeleteउत्तर में थोड़ा कंफ्यूजन हो रहा है, सो थोड़ी देर बाद बताता हूं.. मगर खूंटा जबरदस्त है..
ReplyDeleteयह किसी मशहूर चर्च का प्रमुख भाग है जो क्या गोवा में है !
ReplyDeleteदिलवाड़ा या रणकपुर में पार्श्वनाथ प्रतिमा है। पर सही है कि नहीं पहचान पाए।
ReplyDeleteमेरे ख्याल से यह दिलवाडा(माउन्ट आबू) ही है..
ReplyDeleteमैं २००३ में गया था वहां..
ताऊ,म्हारे तो पल्ले कोनी पड़ी ! देलवाडा का मन्दिर भी देखे घणा दिन हो लिया सो अब याद कोनी ! सोमवार को पहेली का परिणाम देखकर ही अपना सामान्य ज्ञान बढायेंगे !
ReplyDeleteयह चित्र तो अजन्ता की गुफा में से है. विस्तृत जानकारी आज की प्रेमचंद की कहानी "नेकी" पोस्ट करने के बाद लेकर आऊँगा. तब तक के लिए इजाज़त.
ReplyDeleteअरे ताऊजी आप हमको जितवाते तो हो नही, अब हम क्यों बताये कि ये अजन्ता की गुफ़ाओं मे से एक गुफ़ा है. और इसके जो खम्बे दिख रहे है, इनको बजाओ तो मृदंग जैसी आवाज निकलती है. अब और कितना बताऊं?
ReplyDeleteअब मुझे जितवा देना अबकी बार तो. :)
इस तरह का डिजाइन एलोरा की गुफा में देखने को मिलता है, शायद महावीर (चैतन्य) की बैठी प्रतिमा के साथ। लेकिन जो भी है ये कोई रेगुलर मंदिर तो नही है, ऐसी ही एलोरा टाईप पुरातन जगह है।
ReplyDeleteताऊजी, रामराम। ये तो सांची का बौद्ध स्तूप है।
ReplyDeleteएक जरुरी सूचना :-
ReplyDeleteकुछ लोगों के जवाब बडे कन्फ़्युजियाने वाले हैं. आप महानुभावों से निवेदन है कि जवाब में स्पष्ट एक जगह का नाम लिखे.
जिन्होने भी डबल नाम उत्तर मे लिखे हैं उनको विजेताओं मे शामिल नही किया जा सकेगा. कृपया ध्यान देवे कि आपका सही जवाब आपको मार्क्स दिलवाता है जो आगे जुडते जाते हैं. इसलिये आप अपने जवाब बिल्कुल स्पष्ट देने की कृपा करें.
रामराम.
देलावाडा का जैन मंदिर!
ReplyDeleteमैं तो फिर से उलझ गया हूं ताऊ...जवाब की प्रतिक्षा है,अपना सामान्य ग्यान बढ़ा लूंगा
ReplyDeleteखूंटे के लिए दस मे से दस ले लो आप.
ReplyDeleteपहेली का जवाब इलोरा है. तय नहीं मगर सबसे उपयोक्त सम्भावना.
ताऊ देलवाडा तो बहुत बार गया हुँ, पक्क ये नहीं हैं.. और रणकपुर भी नहीं है.. न ये सांची है.. वंहा भी हो आया हूं.. आपके आदेशानुसार अपना उत्तर और सपशट कर रहा हूँ.. ये ५-६ सदी में बनी एलोरा की गुफा है.. और प्रतिमा बुद्ध की है.. लेकिन ये सबसे मुश्किल पहेली थी ताऊ..
ReplyDeleteएक और बात बताऐं ताऊ.. आज मुंबई जा रहा हूँ.. सुबह ६ बजे का अलार्म लगा के सोया.. अलार्म बजा तो ब्न्द कर वापस सो गया.. सर्दी बहुत थी सोचा ७ बजे उठुगां.. १० बजे कि flight थी.. सोते हुऐ अचानक याद आया कि आज तो शनिवार है और ताऊ कि पहेली आई होगी.. तुरंत उठा और लग गया.. ये जबाब तस्स्ली से जहाज में बै्ठा लिख रहा हूँ.. १ घंटे लेट है.. ताऊ बहुत दिलचस्प होती है आपकी पहेळी.. पूरा पैसा वसूल..
एलोरा
ReplyDeleteमैंने अपनी पुराने अल्बम देख रहा था, जिसे देखकर यह दिलबाड़ा जैसा तो बिलकुल नहीं लग रहा है.. खैर मैं एक बात यहां जरूअर बताना चाहूंगा कि कोणार्क और दिलबाड़ा में बहुत समानता है.. दोनों का निर्माण भी लगभग एक ही काल में हुआ था और दोनों के ही कला में भी एक समानता रही है जो दोनों को देखने के बाद मैंने महसूस की थी.. :)
ReplyDeleteबहुत ध्यान से देखा तो यह दिलवाडा टेम्पल ही समझ में आया ..बाकी सोमवार का इन्तजार है
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ReplyDeleteमहल वहल के चक्कर में अपुन कभी रहा नहीं, इसलिए पहेली का उत्तर तो नहीं पर शुभकामनाएं जरूर छोडे जा रहा हूं
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऍं।
ताऊ यो महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले मे स्थित एलोरा की गुफा के बौद्ध मंदिर के अन्दर का चित्र है.
ReplyDeleteएलोरा के 34 मठ और मंदिर औरंगाबाद के निकट 2 किमी के क्षेत्र में फैले हैं, इन्हें ऊँची बेसाल्ट की खड़ी चट्टानों की दीवारों को काट कर बनाया गया हैं. दुर्गम पहाड़ियों वाला एलोरा 600 से 1000 ईसवी के काल का है, यह प्राचीन भारतीय सभ्यता का जीवंत प्रदर्शन करता है. बौद्ध, हिंदू और जैन तीनो धर्मो को समर्पित पवित्र स्थान एलोरा परिसर न केवल अद्वितीय कलात्मक सृजन और एक तकनीकी उत्कृष्टता है, बल्कि यह प्राचीन भारत के धैर्यवान चरित्र की व्याख्या भी करता है। इसे युनेस्को ने विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित कर रखा है.
ताऊ कृपया मेरे उत्तर से भ्रमित न हों यह अजन्ता गुफा का दृश्य है |
ReplyDeleteअजंता और एलोरा सामान्तया एक ही साथ नाम लिए जाने के कारण मैंने ऐसा लिखा था |
अजी ये दिलवाड़ा मंदिर हैं। बाकी परिणाम आने पर पता चलेगा। अजी क्भी कभार हिंट भी दे दिया करो। आज भी भूल गया था। कि आज पहेली का दिन हैं। जीजी और जीजा भी अच्छे लगे।
ReplyDeleteये अजंता एंड एलोरा की गुफा है.....औरंगाबाद से १३० कम दूर है यह.....यह प्रमुखतः बौध , हिंदू और जैन धर्म के लिए जाना जाता है........लगभग AD 650 के समय में इसका निर्माण किया गया था.....बहुत हे अच्छी जगह है....आप लोग जरुर जाए वहां पर...........
ReplyDeleteपहेली तो म्हारी समझ में आवे कोणी/म्हारे तो खूंटा पे पढ़ना था सो पढ़ लिया
ReplyDeleteबहुत से सही जवाब अब तक आ ही गए हैं--
ReplyDeleteदेर हो गयी...
यह तो 'अजंता' की बुद्ध गुफा का चित्र है.[ Buddhist Caves of Ajanta.]
यह औरंगाबाद-जलगाँव में है.लोग एल्लोरा की गुफ़ाओं के आगे इन सुंदर गुफ़ाओं को भूल गए थे--
लेकिन इन गुफ़ाओं1819 को ब्रिटिश शिकारियों ने ढूंढ़ निकाला था--
और अब ये विश्व धरोहर हैं.'Louvre of Central इंडिया' भी कहा जाता है-
जवाब दे पहले कमेन्ट में दे दिया है-और अधिक जानकारी इस प्रकार है-
ReplyDeleteअजंता की बुद्ध गुफा का जो चित्र आप ने पहेली में पूछा है..
अजंता गुफाएं महाराष्ट्र, भारत में स्थित पाषाण कट स्थापत्य गुफाएं हैं। यह स्थल द्वितीय शताब्दी ई.पू. के हैं। यहां बौद्ध धर्म से सम्बंधित चित्रण एवं शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं।यह गुफाएं अजंता नामक गांवे के सन्निकट ही स्थित हैं, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हैं। अजंता गुफाएं सन 1983 से युनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित है।
गुफाएं एक घने जंगल से घिरी, अश्व नाल आकार घाटी में अजंता गांव से 3½ कि.मी. दूर बनीं हैं। यह गांव महाराष्ट्र के [[औरंगाबाद शहर से 106 कि.मी. दूर बसा है। इसका निकटतम कस्बा है जलगाँव, जो 60 कि.मी. दूर है, भुसावल 70 कि.मी. दूर है। इस घाटी की तलहटी में पहाड़ी धारा वाघूर बहती है। यहां कुल 29 गुफाएं (भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा आधिकारिक गणनानुसार) हैं.
अजंता का मठ जैसा समूह है, जिसमें कई विहार (मठ आवासीय) एवं चैत्य गृह हैं (स्तूप स्मारक हॉल), जो कि दो चरणों में बने हैं। प्रथम चरण को गलती से हिनायन चरण कहा गया है, जो कि बौद्ध धर्म के हिनायन मत से संबंधित हैं-
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जानकारी के लिए-[महापरिनिर्वाण मंदिर [कुशीनगर ] का स्थापत्य अजंता की गुफाओं से प्रेरित है। मंदिर के डाट हूबहू अजंता की गुफाओं के डाट की तरह हैं]
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अजंता Aurangabad, से 99 km दूर है--जबकि एल्लोरा 30 km औरंगाबाद . से दूर है.
अजंता Aurangabad, से लगभग ९९ km दूर है--जबकि एल्लोरा लगभग 30 km औरंगाबाद से दूर है.
अजंता में ३0 बुद्ध गुफाएं हैं-जबकि एल्लोरा में १२ बुद्ध गुफाएं हैं.
अजंता में सिर्फ़ बुद्ध से सम्बंधित कलाकारी है ,
जबकि एल्लोरा बुद्ध गुफाओं के अलावा में मुख्य आकर्षण कैलाश नाथ मन्दिर है.इस में जैन गुफाएं भी हैं.
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ताऊ रामराम,
ReplyDeleteभाई ताऊ, तड़की तो घणी गड़बड़ होगी थी. उसी टाइम तो नेट चला, अर मैं जा पहुंचा सीधे पहेली पर. जल्दबाजी में इसके जुड़वाँ भाई दिलवाडा का नाम बता बैठा, अर वो भी "पक्का" के ठप्पे से.
अब बताता हूँ सही. अजंता.
सही तो बता दिया, नंबर दे या ना दे, जैसा तुम चाहो.
\ अजंता अजंता /
ReplyDeleteएलोरा है जी....महाराष्ट्र के ओरंगाबाद शहर के पास...
ReplyDeleteनीरज
ताऊ !!!
ReplyDeleteफर्स्ट तो मैं कभी आ ही नहीं सकता
क्योंकि मैं अपने ऑफिस में रोज शाम
को ४ बजे आता हूँ ! तब ही इंटरनेट
का प्रयोग करता हूँ ! इसलिए नीचे से
फर्स्ट आना तय है !
सबसे पहले मैं वो लिंक बता रहा हूँ जहाँ से
आपको पहेली का जवाब और सारी जानकारी
मिल जायेगी :
www.steveislost.com/blog/tag/ajanta
सही जवाब है - औरंगाबाद-जलगाँव में स्थित "अजंता की बुद्ध गुफा"
अंग्रेजी शासन काल में 1819 में इस अनमोल धरोहर की खोज की गई थी !
taau ji...
ReplyDeletepaheliya suljhana apne liye mushkil hai..par haan pichle kai post se aapka bas khoonta padhne ki buri aadat hai.so aaj pichle teen char khoonte padh liye....aor sach kahun maja aa gaya.
ताऊ यु शे तो अजंता और एलोरा की फ़ोटू, क्यो कि सामने ही बोद्ध खडे दिख रहे है, ओर आज तो मै घण्णा देर से आया, चलो २०. २८ के आसपास तो आ ही जायेगा.
ReplyDeleteयु मेडम के का के चक्कर कर दिया, यु तो घणी पढी लिखी लागे, चल बढिया लगे हाथो इस का भी काम निवटा दिया.
राम राम जी की
ताऊ सबसे पहले रामराम!!!
ReplyDeleteताऊ यह अजंता का बुद्द गुफ्फा का चित्र है!और यह महाराष्ट्र के ओरंगाबाद जलागोँ में है!
जवाब तो मेरे को मालूम है ,
ReplyDeleteलेकिन बाद में बताऊंगा जब
कोई नहीं बता पायेगा !
बस मैं इस पहेली को और भी आसान बना सकता हूँ पाठकों के लिए !
गौर से पढिये :
हिंट एक : यह भारत में है !
हिंट दो : यह किसी महा पुरूष से सम्बंधित है !
हिंट तीन : यह तस्वीर ताजमहल , कुतुबमीनार या जामा मस्जिद की नहीं है !
ख़ास हिंट : यह मानव द्बारा निर्मित है !
अब सबको मालूम चल गया होगा कि ये कहाँ की तस्वीर है !
ये 'ताऊ कौन' वाली पहेली तो सुलट लूं पहले अजंता एलोरा फिर चलूँगी...
ReplyDeleteवाहवा....... क्या बात है महाराज...
ReplyDeleteखूंटे वाले ताऊ की जय हो....................................... इतने जवाब आ लिये ईब म्हारी के जरूरत सै...????????
ताऊजी, ये बोद्ध गुफ़ा अजन्ता की है ना कि अजन्ता एल्लोरा की। अजन्ता एल्लोरा बोलने मे आता है, जब्कि दोनो मे करीब डेढ सौ किलोमिटर की दूरी है।
ReplyDeleteयह अजन्ता की गुफ़ा न. ७ है और मैने इसे पिछली बार बरसात मे ही देखा है।
हम लोग एक युर्रोपियन ट्युरिस्ट दल के पीछे लग लिये थे वहां गाईड ने रोशनी जला कर इस गुफ़ा का बडा अद्भुत नजारा दिखाया।
ज्यादातर लोग इसलिये भी इसे एल्लोरा समझ बैठे हैं क्योंकि अजन्ता इसकी दिवारों पर की गई नेचरल पेन्टिग्स की वजह से ज्यादा जानी जाती है, जब्की एल्लोरा अपनी मुर्तियो के लिये।
पर अजन्ता मे मुर्ति और पेन्टिन्ग्स दोनो है और एल्लोरा मे सिर्फ़ मुर्ती है।
अब बोलो ताऊ, मैं जीता की हारा। अगर हरवा भी दोगे तब भी ये अजन्ता की ही गुफ़ा रहेगी। :)
ताऊ, अब तक के जवाब बड़ा कन्फ्यूजियाने वाले हैं। वैसे, जब आप खूंटे पर जीजी के साथ जीजा बोल सकते हो तो हम शनीचरी पहेली में अजंता के साथ एलोरा क्यों नहीं बोलेंगे :) आप मार्क्स दो या ना दो, लेकिन जैसे जीजी-जीजा वैसे ही अजंता-एलोरा..इसमें गलत क्या है :) आखिर आपकी सोहबत में कुछ ताऊगीरी करने का हक हमें भी तो है ही :) इब राम राम। नकल से कुछ अकल आयी तो शाम को फिर आएंगे पलटीमार जवाब के साथ :)
ReplyDeleteइब मुश्किल लागे है भाई........टीपना हम चाहते नही
ReplyDeleteखूंटा मजेदार से ताओ
म्हारी राम राम
ताऊ जी,ये तो अजंता का चित्र मालूम होता है !!!!वैसे आपका खूंटा बहुत ही शानदार लगा !!!!!!!!!
ReplyDeleteताऊ ई तो गड़बड़ हो गया, हम वहां एक हफ्ता का छुट्टी मानाने क्या गए आपने याहन पहेली शुरू कर दी...हम तो फिसड्डी हो गए, कोई नम्बर नहीं मिला हमको :( अब हम क्या करें...लेट एंट्री का कोई चांस है? पर यहाँ तो सब ३०० नम्बर लिए बैठे हैं...हम तो नीचे से फर्स्ट होंगे.
ReplyDeletei think the archive you wirte is very good, but i think it will be better if you can say more..hehe,love your blog,,,
ReplyDeleteYou these things, I have read twice, for me, this is a relatively rare phenomenon!
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